🔴 नई दिल्ली/बेंगलुरु | अगस्त 2025
देश की राजनीति में एक बार फिर से उबाल आ गया है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में चुनाव आयोग (ECI) पर वोटर लिस्ट में हेरफेर के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने यह दावा किया कि पार्टी के पास “100 प्रतिशत ठोस प्रमाण” हैं जो दर्शाते हैं कि कुछ लोकसभा सीटों पर सुनियोजित तरीके से वोटर डेटा से छेड़छाड़ की गई है।

📣 “हम आएंगे” — राहुल का सीधा संदेश
बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी का स्वर पूरी तरह आक्रामक था। उन्होंने चुनाव आयोग को सीधे चेताते हुए कहा:
“हम आपके पास आएंगे। हमारे पास ठोस सबूत हैं कि मतदाता सूची से नामों को जानबूझकर हटाया गया और फर्जी नाम जोड़े गए।”
कांग्रेस ने कहा कि यह कार्य बीजेपी की मदद के लिए किया गया और यह लोकतंत्र के खिलाफ एक “सूक्ष्म लेकिन खतरनाक हमला” है।
🏛️ चुनाव आयोग ने क्या कहा?
ECI ने राहुल गांधी के दावों को “बेसलेस” (निराधार) और “wild and speculative” (बेकाबू और काल्पनिक) करार दिया है। आयोग का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व ने औपचारिक प्रक्रिया से जुड़ने की बजाय केवल मीडिया बयानबाज़ी का सहारा लिया।
एक आधिकारिक बयान में चुनाव आयोग ने कहा:
“श्री राहुल गांधी को दस्तावेज़ी समर्थन के साथ आयोग के सामने आना चाहिए था। लेकिन उन्होंने संवाद से बचने और सिर्फ आरोप लगाने का रास्ता चुना।”
🔍 किस सीटों पर आरोप?
कांग्रेस ने विशेष रूप से कर्नाटक की दो प्रमुख लोकसभा सीटों —
- बेंगलुरु सेंट्रल
- बेंगलुरु रूरल
को संदिग्ध बताया है, जहाँ कथित तौर पर हज़ारों वोटरों के नाम गायब पाए गए हैं या दोहराए गए हैं।
👥 कर्नाटक कांग्रेस का समर्थन
राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी के पास “डेटा‑बेस” और गवाहों सहित पुख़्ता साक्ष्य हैं। उन्होंने मांग की कि आयोग एक स्वतंत्र जांच समिति बनाए।
🧭 क्या हो सकता है असर?
- यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी ईमानदारी और पारदर्शिता को लेकर बहस छेड़ सकता है।
- राहुल गांधी के बयान से 2026 के आम चुनावों की जमीन अभी से गर्म होने लगी है।
- यदि कांग्रेस के दावे सच साबित होते हैं, तो यह ECI की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा।