🗓️ 3 अगस्त 2025 | 📍 हैदराबाद
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने विपक्षी गठबंधन को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी और आरएसएस को सत्ता से बाहर करने की ताक़त रखते हैं। उन्होंने राहुल गांधी को भारत के सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता का सच्चा प्रतिनिधि बताया।
🔴 “राहुल गांधी हैं देश की उम्मीद” — रेवंत रेड्डी
राज्य में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में रेवंत रेड्डी ने कहा:
“राहुल गांधी सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि देश की आत्मा को जोड़ने वाला विचार हैं। वे जातीय-धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं। आगामी चुनाव में वे नरेंद्र मोदी और आरएसएस को सत्ता से बाहर करेंगे।”
रेवंत रेड्डी ने यह भी दावा किया कि राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और अब ‘न्याय यात्रा’ के ज़रिए आम जनता के दिलों तक पहुँच चुके हैं। उन्होंने बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस इसका मजबूत विकल्प बनकर उभरी है।

🗳️ राजनीतिक पृष्ठभूमि और लक्ष्य
- रेवंत रेड्डी का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में लोकसभा चुनाव 2026 की तैयारियां जोरों पर हैं।
- कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की दिशा में कई संकेत दिए हैं।
- विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में राहुल गांधी की लोकप्रियता लगातार बढ़ती दिखाई दे रही है।
🔍 रेवंत रेड्डी ने क्या कहा बीजेपी के बारे में?
रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि:
- बीजेपी ‘मज़हब के नाम पर नफ़रत फैलाकर’ सत्ता में बनी रहना चाहती है।
- आर्थिक मोर्चे पर देश की स्थिति खराब है — बेरोज़गारी, महंगाई, किसान आत्महत्याएं, और निजीकरण जैसे मुद्दों पर सरकार असफल रही है।
- “देश को जाति और धर्म की राजनीति से निकाल कर विकास की राजनीति में लाना राहुल गांधी की प्राथमिकता है।”

🌐 कांग्रेस का राष्ट्रीय एजेंडा
कांग्रेस पार्टी अब ‘न्याय यात्रा’ के माध्यम से:
- ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर फोकस कर रही है।
- EVM और वोटर डेटा में पारदर्शिता की मांग कर रही है।
- महंगाई, नौकरियों और शिक्षा पर राष्ट्रीय जन संवाद चला रही है।
🧭 राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि:
- राहुल गांधी अब “राजनीतिक गंभीरता और स्थिरता का चेहरा” बनने की कोशिश में हैं।
- उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने जनता में एक नैतिक और वैचारिक नेता की छवि बनाई है।
- लेकिन विपक्ष को एकजुट रहकर साझा रणनीति और सीट बंटवारे पर जल्द समझौता करना होगा।